Menu
blogid : 2222 postid : 472

वे कजरारे नयन तुम्हारे -Valentine Contest

MERI NAJAR
MERI NAJAR
  • 78 Posts
  • 1604 Comments

चित्त चित्र सा खचित बावरा, ,दृग आंसू टप कावै |

हाय बसंती पवन झकोरा ,तन – मन आग लगावै |

विरही मन को ढाढस देने, क्यों कागा नहीं आवै |

मदन बान क्षण क्षण उर बेधे, को मन को समझावै |

याद सुनहरी भरी दुपहरी, हौले हौले आवै |

वे कजरारे नयन तुम्हारे, पल पल बान चलावै|

वह सिसकी वह भाव मधुरिमा, तन सिहरन दौड़ावै|

जल बिनु मीन दिया बिनबाती, तुम बिन ऋतुकस भावै|

मन भौरा इत उत मंडरावै , तुम्हे ढूढ़ नहीं पावै |

तुम कहती जोगी बन भूलो, मोहि जोग नहीं आवै |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh