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नैनम छिद्रन्ति शस्त्राणी

MERI NAJAR
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मित्र आये तो मगर बैठने में रूचि नहीं दिखलाई मैंने पुनः आग्रह किया मगर वे नजरंदाज कर गए | बिलकुल उसी स्टाइल में जैसे एक शरीफ
आदमी पुलिस वाले की गालियों को अनसुना कर देता है , चुनाव जीतने के बाद नेता अपने वादों को सुनने लायकही नहीं समझता |
बोले जल्दी में हू पर सोचा तुम्हे बताता चलू ” गीता कहती है किसी शस्त्र द्वारा आत्मा में छिद्र नहीं किया जा सकता |”
लगा शायद पत्नी रत्न की मजबूती का जिक्र कर रहे है ,पर दुर्भाग्य से मै उन्हें जानतहू | सीक सी तो है अत:उनकी ऐसी उत्कृष्ट पर मुझे
शक है पर यह उनका मामला है मुझे क्या पड़ी है | पर जब वे अपनी बात पर काफी देर टिके तो मै चौका ” रोटी का बेलन चकले के बजाय यदि सिर पर चल जाय तो ……मैंने गौर किया परउनके सिर पर कोई गुम्मड देखने में सफल नहीं हुआ | इधर वे जरुरत से ज्यादा गंभीर हुए तो मै मुस्कराया ,बात आत्मा की ही है |
“अरे करम जले प्रत्यक्षम किम प्रमाणंम मेरी आत्मा को देख जिसमे सुन्दरियों ने अपने कटीले नेत्रों से इतने छिद्र किये है की जब चाहो मन तो मन आटा छान लो | क्या मजाल जो जरा सा भी चोकर रह जाय “|
जहा तक सुन्दरियों की बात है उनका ह्रदय तो पाषण होता ही है जल्दी पिघलता नहीं है |दो चार की अजमाइस तो मै कर ही चूका हु पर वे नहीं पसीजी | अपनी पैदाइश पर भी तरस आता है | काश बंदा भी उस सुहाने रीति काल मै पैदा हुआ होता | सुना है उस ज़माने में यत्र -तत्र नायिकाए
विचरण किया करती थी | उनकी शिष्टता व विनम्रता का तो कहना ही क्या |
अब इस फागुनी उल्लास में आपसे क्या छिपाना ,सुन्दरियों के रूप माधुर्य का यह उपासक सदा उनकी आराधना में ही लीन रहा | सुन्दरियों का ह्रदय
प्रेम का रंग मंच है ,वह सत चित आनद का स्वरूप है ,लंका दहन व महाभारत का इकलौता कारण है आदि आदि |
शैले शैले न माणीक्याम भले ही सत्य हो पर इंसानी काया का अवगुण रिक्त होना नामुमकिन है | कुछ सदपुरुष तो दुर्गुणों की खान होते है पर अफ़सोस मै उस श्रेणी तक नहीं पहुच सका | पर सुन्दरियों आप निराश मत होना मै महा पुरुषो की जीवनिया पढ़ कर खुद को उन दुर्गुणों से युक्त
करने का प्रयास कर रहा हु | पर व्यंग्य लेखन की अनंत त्रासदिया है तिस पर कोई व्यंग्य लेखक की बात को कभी गंभीरता से नहीं लेता |
खैर जो भी हो आज महाभारत का सदुपयोग समझ में आया | महाभारत से ही तो गीता का ज्ञान बहा |
फिर नायिकाए तो स्वतः कलह प्रिय होती है , लड़ाई झगडे की बात आसानी से समझ लेती है | इनके सद्प्रयास दैनिक जीवन में महाभारत को
जीवंत रखते है |
अब किसी सुंदरी से वार्तालाप का अवसर मिला तो गीता से शुरू कर महाभारत पर समाप्त करुगा |

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