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ख़िताब होली के

MERI NAJAR
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जागरण जंक्शन – सदा अनन्द रहै यह प्रीती

श्री यस डी बाजपेई – भाई जी फागुन पहुच गया ?

श्री राम कृष्ण खुराना – अभी तो मै जवान हू

डॉ शंकर सिंह  – भला मुझसेडरनाक्या

श्री यस पी सिंह – – वेवाक बात

श्री अरुण कान्त शुक्ल – मेरी फाग सुनो सब री

श्री शाही जी – यारी है इमान मेरा मेरा

श्री चातकजी हर दिल में मेरे प्यार का जलता हुआ दिया

्री कृष्ण मोहन मिश्र – संगम होगा होगा

श्री आर के पाण्डेय – दिल है हिन्दुस्तानी
श्रीमती निशा मित्तल – कसम गुटके की जो अब खाया
श्रीमती अलका गुप्ता – साहित्य शिरोमणि
श्रीमती रजिया मिर्जा -दुआ ये मेरी ले कर जाना

श्री ओ पी पारीक –कबीरा खड़ा मंच पर

श्री अरिन्द पारीक –भाई जी कुछ कहिये
श्री दीपक जोशी – इस चाँद को बादल छिपा नहीं सकता
श्री हरीश भट्ट – लिखता ही रहा हु मै
श्री निखिल झं – सदा बहार नगमा
श्री राजेन्द्र रतूड़ी – …. चल समाधि की और रे ..
श्री राजीव तनेजा – कल
म को सलाम
श्री मनोज कुमार मयंक – दल गरम दिल नरम
रोशनी जी – बिटिया प्यारी सी
अनीता पाल- किरण किरण सी लहराई देखो आई रे हंसी
श्रीमती रीता सिंह संजना – जीवंत जीवटता
श्री राज कमल – अंखियो से गोली मारे लड़का कमाल का जी
श्री सचिन जी- यार गुदगुदी मत करना हस तो रहा हु
श्री अजय कुमार झं- नशीली आँखों से सामने देख सीधा कुए में जा रहा है
श्री निखिल पाण्डेय – अंदाज अपना भी है
श्री आकाश तिवारी – मेरे ब्लॉग पर आना तब बताउगा
श्री शैलेश पाण्डेय – गुन्गुन्ना उठे है भँवरे
श्री पियूष पन्त – यथा नाम तथा गुण
श्री धर्मेश तिवारी- खबर दिल्ली की है
श्री
अरुणेश मिश्र –   sms  mila
श्री
वाहिद जी – जब आवाज इतनी मीठी है तो दिल ..
श्री दीपक साहू- होली आ भी गयी
श्री दीपक पांडे – तेरे दर पे आया हु
श्री अबोध बा
लक- नन्हा मुन्ना राही हू
श्री काजल कुमार-
बिन बोले ही सब कुछ कहते
श्री राजीव दुबे- सब ठीक है न
श्री ब्रज किशोर सिंह- जय राधे
डॉ
आशुतोष शुक्ल- बहुत सुहाना है फागुन
श्री
हिमांशु भट्ट- शेयर का क्या हुआ ?
श्री
बैज नाथ पाण्डेय- भले भी हम ….
मित देहाती– तितलिया उड़ रही थी
मनोरंजन ठाकुर- नमस्कार
चना वर्मा– मै तो लिखुगी
श्री श्याम उदय कोरी– ख्याल मेरा है न

श्री ब्रिज मोहन जी – दाग अच्छे है फागुन के

मित्रो यह ख़िताब फागुन की ठिठौली भर है किसी का नाम छुटा है तो मात्र मेरे संकोच के बस ही | ख़िताब मेरी फागुनी बुद्धि की उपज है इसमें आत्मीय श्री शाही जी , श्री कृष्ण मोहन मिश्र का हाथ नहीं है फिर भी अगर शिकायत हो तो आप श्री शाही जी को ही दोषी मान ले | मिश्रा जी ने अपने यहाँ ड्रमो में पानी भरवा लिया है सो उनको कष्ट देने से पहले सोच ले | बाकि फागुन तो अभी कही भागा नहीं जा रहा .मैभी मैदान में हु ही | आपकी हर बात सर आँखों पर

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